AMBITION

English and Hindi Dictations are very useful for stenography skill exams.

Wednesday, 30 January 2019

HINDI DICTATION


          भारत सरकार ने 9 जनवरी, 2018 को प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन किया. दरअसल महात्मा गाँधी 9 जनवरी के दिन ही दक्षिण अफ्रीका से 1915 में स्वदेश वापस लौटे थे. आजादी के बाद से ही बनारसी दास चतुर्वेदी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु को प्रवासी भारतीय केंद्र बनाने का सुझाव दिया था. लेकिन यह सपना बहुत बाद में पूरा हो पाया. अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने 2003 से प्रवासी भारतीय सम्मेलन की शुरुआत की. इसके बाद मनमोहन सिंह सरकार ने अलग प्रवासी मंत्रालय बनाया जिसे नरेंद्र मोदी सरकार ने विदेश मंत्रालय का अंग बना दिया.
               अब तक कई प्रवासी भारतीय सम्मेलन हो चुके हैं लेकिन 2018 का प्रवासी भारतीय सम्मेलन कुछ अलग रहा. भारत सरकार ने 9 जनवरी को दिल्ली में भारतीय मूल के सांसदों और मेयरों का एक सम्मेलन बुलाया. इसमें 24 देशों के करीब 140 प्रवासी जन-प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. इन प्रतिनिधियों का मानना है कि इस कार्यक्रम से अलग-अलग देशों से भारत के सांस्कृतिक, व्यापारिक और द्विपक्षीय रिश्ते मजबूत होंगे. सरकार की ओर से पहली बार इस तरह का आयोजन किया गया. जानकार मानते हैं कि पूरी दुनिया में भी यह अपनी तरह का पहला सम्मेलन था.
                  यह सम्मेलन प्रवासी भारतीयों से संपर्क के जरिये दुनिया भर के देशों से रिश्ते मजबूत करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया. सम्मेलन में परिचर्चा के लिए दो सत्र रखे गए थे. इनमें पहले सत्र में प्रवासी भारतीय सांसदों के संघर्ष से लेकर संसद तक की यात्रा पर चर्चा हुई. दूसरे सत्र में प्रवासी भारतीय सांसदों की उभरते भारत में भूमिका पर बात हुई.
          प्रवासी भारतीय सम्मेलन में मलेशिया, स्विट्ज़रलैंड, ब्रिटेन, कनाडा, फिजी, केन्या, मोरिशस, न्यूज़ीलैण्ड और श्रीलंका से आये प्रतिनिधि शामिल थे. हालाँकि सेनेट के सत्र की वजह से अमेरिका के प्रतिनिधि सम्मेलन में शिरकत नहीं कर पाए. सम्मेलन में श्रीलंका के अलावा किसी दक्षेस देश को आमंत्रण नहीं भेजा गया था.विदेश जाना भारतीयों के लिए कोई नयी बात नहीं है. अंग्रेजी हुकूमत के दौरान बड़ी संख्या में भारतीय विदेशों में जाकर बसे. आजादी के बाद से लेकर अब तक यह पलायन जारी है. इस वक्त दुनिया में करीब 2.5 करोड़ लोग ऐसे हैं जिनकी जड़ें भारत से जुड़ी हैं लेकिन वे विदेशों में रह रहे हैं. ऐसे लोगों को दो भागों में बाँटा जा सकता है.
      ये देश के अर्थव्यवस्था में महत्त्वपूर्ण योगदान अदा कर रहे हैं. विश्व बैंक के अनुसार पिछले दशक में प्रवासी भारतीयों ने लाखों डॉलर कमाकर भारत भेजे हैं. साल 2002 से 2012 के बीच घर भेजे गए धन में 3 गुणा वृद्धि दर्ज की गई थी.

0 comments:

Post a Comment