AMBITION

English and Hindi Dictations are very useful for stenography skill exams.

Monday, 28 January 2019

AGRICULTURE HINDI DICTATION






मोदी सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण की महत्ता को देखते हुए देश में पहली बार खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय का गठन किया है. खाद्य प्रसंस्करण को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने बजट 2018-19 में खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय के लिए 1,400 करोड़ रू. आवंटित किये हैं. खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए सभी 42 मेगा फ़ूड पार्क में अत्याधुनिक परीक्षण सुविधा स्थापित की जा रही है. खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में प्रतिवर्ष औसतन 8% की दर से विकास हो रहा है. कृषि आय बढ़ाने के लिए डेयरी, पशुपालन, मत्स्य, पोल्ट्री इत्यादि के विकास पर भी जोर दिया जा रहा है. किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा का विस्तार मत्स्य एवं पशुपालन करने वालों तक कर दिया गया है. इसके लिए सरकार में प्रशिक्षण, सहायता और अनुदान देने की व्यवस्था की है. स्वयं सहायता समूहों के जरिये महिलाओं को ग्रामीणों आजीविका कार्यक्रम के अंतर्गत स्वाबलम्बी बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं.
टमाटर, आलू और प्याज जैसी शीघ्र नष्ट होने वाली फसलों की कीमतों को अनिश्चितता से बचाने के लिए ऑपरेशन फ्लडकी तर्ज पर ऑपरेशन ग्रीनयोजना शुरू की गई है. ऑपरेशन ग्रीन के द्वारा किसानों, उत्पादक संगठनों, कृषि सम्भार तन्त्र, प्रसंस्करण सुविधाओं, व्यवसाय प्रबंधन में सामंजस्य स्थापित किया जा रहा है. इसके लिए 500 करोड़ रुपये निधि की घोषणा की गई है. कृषि उत्पादों की विपणन प्रणाली में सुधार के लिए ई-पोर्टलएवं ग्रामीण कृषि बाजार” को स्थापित किया जा रहा है जो कि कृषि विपणन प्रणाली की दिशा में एक क्रान्तिकारी कदम है. इससे किसान घरेलू स्तर पर उपलब्ध कृषि उत्पाद का मूल्य संवर्धन कर मोटा मुनाफा कमा सकते हैं.
देश में रिकॉर्ड फसल उत्पादन के बाद कृषि उत्पाद को सुरक्षित रखना सर्वाधिक चुनौतीपूर्ण है. गैर-सरकारी आँकड़ों के मुताबिक़ देश में प्रतिवर्ष 670 लाख टन खाद्यान्न नष्ट हो जाते हैं. भारत सरकार के सेंट्रल इंस्टिट्यूट ऑफ़ पोस्ट हार्वेस्ट इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजीके अध्ययन के अनुसार, उचित भंडारण की कमी के कारण देश में बड़े पैमाने पर खाद्य पदार्थों की बर्बादी होती है जिससे लाखों लोगों की भोजन सम्बन्धी आवश्यकताओं की पूर्ति हो सकती है. खाद्य पदार्थों की बर्बादी के कारण देश में भुखमरी और महंगाई में बढ़ोतरी हो रही है. भंडारण की समुचित व्यवस्था से खाद्यान्न संरक्षण द्वारा किसानों को फसल की समुचित कीमत मिलने के साथ-साथ उपभोक्ताओं को सस्ते दर पर खाद्य पदार्थ मुहैया हो सकता है. कृषि मंत्री स्वयं स्वीकारते हैं कि देश में बड़े पैमाने पर प्याज, टमाटर, आलू इत्यादि खेत से उपभोक्ता तक पहुँचने से पूर्व ही नष्ट हो जाते हैं.

0 comments:

Post a Comment